June 8, 2025 10:28 PM
वाराणसी ( यूपी ) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 साल के कार्यकाल को लेकर पद्मश्री रजनीकांत कहा कि यह कार्यकाल अपने आप में अद्भुत और बेमिसाल रहा है। उन्होंने कहा कि शिल्प, कृषि और जीआई के क्षेत्र में जो कार्य हुआ है, वह अतुलनीय है। पद्मश्री रजनीकांत जी ने बताया कि उन्होंने अपनी यात्रा 2006 में जीआई कानून लागू होने के बाद काशी में 'बनारस ब्रोकेड साड़ी' के पंजीकरण से शुरू की थी। दो साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सितंबर 2009 में उसे जीआई टैग मिला। इसके बाद गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने, मेटल डिपॉजिट क्राफ्ट और वॉल हैंगिंग जैसे उत्पादों को भी जीआई का दर्जा मिला। उन्होंने बताया कि शुरूआत में जीआई की रफ्तार धीमी थी लेकिन 2014 के बाद पीएम मोदी के आने के बाद भारत की विरासत को पहचान मिली और ‘लोकल से ग्लोबल’ का सपना आकार लेने लगा। पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान ने जीआई को नई उड़ान दी। उन्होंने कहा कि आज काशी जीआई उत्पादों का एक हब बन चुका है। यहां वर्तमान में 32 GI टैग वाले उत्पाद हैं जिनसे 20 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं और करीब 25,500 करोड़ रुपये का कारोबार हो रहा है। रजनीकांत जी ने कहा कि काशी मॉडल को पूरे देश में लागू किया जा रहा है, और अब यह यात्रा 26 राज्यों तक पहुंच चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भारतीय विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रेरणा स्त्रोत बताया।